• ईवर क ता के अनसार ु इाहम को जमा प ु था इसहाक । ईवर नेइसहाक सेकहा, मतहार ु ेपता इाहम के सामनेक गयी अपनी शपथ पर ू कँगा। मतहार ु ेवंशज क संया आकाश के तार क तरह असंय बनाऊँगा। मयह सब देश तहार ु ेवंशज को दँगा ू और पवी ृ क समत जातयाँतहार ु ेवंशज वारा आशीवाद ात करगी” (उप 26:3-4) | हम यह देखते हक इाहम म ारंभ क गई ईवरय तायइसहाक के वंशज वारा पर ू होती ह ।

    एसाव और याकूब

    इसहाक क पनी रबेका थी। उहजड़ु वप ु पदै ा ह ु ए - एसाव और याक ू ब । बड़ा प ु एसाव था और छोटा प ु याक ू ब । उसके जम के पहलेह ईवर नेरबेका सेकहा था, "त ुहारेगभमदो जातयाँ ह । तम ु सेदो रा उपन हगेऔर वेअलग अलग हो जायग े । एक अप नेभाई सेशितशाल होगा और बड़ा छोटेक अधीन हो जायेगा” (उप 25:23)।

    एसाव और याक ू ब बड़ेहोतेगए। एसाव एक क ु शल शकार एंव कसान था। परतु याक ू ब शात वभाव का था और अप नेत बओ ु ं म ह रहा करता था। माँयाक ू ब को अधक यार करती थी। परतु इसहाक एसाव को बह ु त चाहता था यक उसके वारा शकार कये गयेपशओ ु ंका माँस उसेपसद था।

    पहलौठेका अधकार

    पहलौठेका अधकार परवार के बड़ेबेटे को परपरा के अनसार ु वरासत ममलनेवाले पहलौठे के अधकार का बड़ा महव था। ईवर क ताओं का अधकार पहलौठेका था। एक द न ज ब एसाव थका-भखा ू खेत सेलौटा तब याक ू ब खीर पका रहा था। एसाव नेथोड़ी खीर माँ गी। तब याक ू ब ने उसके बदले पहलौठे का अधकार अपने लए माँगा। पहलौठे के अधकार सेया लाभ होगा, ऐसा सोचकर उसनेअपना पहलौठे का अधकार उसेयाक ू ब को देनेक शपथ खाई। फर एक पा खीर लेकर खा ल। इस कार एसाव ने अपने पहलौठे का अधकार तछु समझकर याक ू ब को बेच दया।

    आशीवाद याक ू ब को

     

    इसहाक बढ़ू ा हो गया, आखँ क रोशनी कम ह ुई। उसनेअपनेयेठ प ु ऐसाव को बल ु ाया और कहा, “बेटा, मबढ़ू ा हो गया ह ू ँ । न जानेकब तक जीवत रह ू ँगां । तम ु अपनेहथयार, अपना तरकश और अपना धनष ु लेकर जाओ और मेरेलए शकार लेआओ। तब मेर पसद का वादट भोजन बनाकर मझु ेखलाओ। ममरनेके पहलेत ुहआशीवाद देना चाहता ह ू ँ” (उप 27:1-4) | रबेका इसहाक और उसके प ु एसाव क बातचीत सन ु रह थी। जब एसाव शकार करनेजगं ल गया तब रबेका नेयह बात याक ू ब सेकह। वह चाहती थी क अपनेय प ु याक ू ब को पता का आशीवाद मले, यक जब वह गभव ती थी तब जो बात भ ु नेकह थी वह उसेयाद थी। रबेका नेबकर के दो अछे बच के मांस का वादट भोजन तयै ार कया। एसाव जसै ा लगनेके लए याक ू ब के हाथ और चकनी गदन पर बकर का चमड़ा पहना दया। एसाव के उम व, जो घर मथे, लेलयेऔर याक ू ब को पहनाये । तब उसनेअपने वारा पकाया भोजन और रोट याक ू ब के हाथ मदेद और पता के पास भेजा। याक ू ब ने भोजन खलानेके बाद इसहाक सेआशीवाद माँगा। इसहाक यह सोचकर क वह एसाव है, याक ू ब को आशीवाद दया। जब याक ू ब आशीवाद ात कर कमरेसेबाहर जा चक ु ा था तब एसाव शकार से लौटा। खाना तयै ार कर के परोसनेके बाद ऐसाव नेभी आशीवाद माँगा। इसहाक समझ गया क उससेगलती हो गई। लेक न इसहाक नेकहा क मन े उसे आशीवाद दया और वह आशीवाद उसपर बना ह रहेगा। यह सन ु कर एसाव बह ु त दख ु ी हो गया। अपनेभाई के धोखेसेवह उससेबरै करनेलगा। उसनेपहलेकेवल एक पा खीर के बदलेमेरा पहलौठेका अधकार छन लया और अभी पता का आशीवाद भी। एसाव नेयाक ू ब को मार डालनेका नचय कया।

    याक ू ब का वन

     

     एसाव सेयाक ू ब को होनेवालेखतरेको समझकर रबेका नेअपनेबेटे सेकहा, “हारान देश ममेरेभाई लाबान के यहां शी भाग जाओ। जब तक त ुहारे भाई का ोध शांत न हो जाये, तब तक क ु छ समय तक उसी के यहां रहो” (उप 27:43-44)।

    याक ू ब ने हारान के लए थान कया। सय ू ात होनेपर उसनेएक जगह वाम कया। सोतेवत उसेएक दशन ह ु ए। ईवर नेउससेकहा, "मभ,ु त ुहारे पता इाहम का ईवर तथा इसहाक का ईवर ह ू ँ । मत ुह और त ुहारे वशं ज को यह धरती देदँग ू ा, िजसपर तम ु लेट रहेहो... त ुहारेऔर त ुहारेवशं वारा प ृ वी भर के रा आशीवाद ात करगे । मत ुहारेसाथ रह ू ँगा। तम ु जहां कहं भी जाओगे, मत ुहार रा कंगा” (उप 28:13-15) नींद सेजागकर याक ू ब नेउस जगह का नाम 'बेतले ' रखा िजसका अथहै'ईवर का भवन ।। याक ू ब नेअपनी याा जार रखी और हारान पह ु ँचे । वहांअपनेमामा लाबान के साथ वेचौदह साल रहे । इस बीच लाबान क दो प ु य - लेआ और राहेल के साथ उहनेववाह कया। इस दौरान उहनेबह ु त सी सपं अपनेअधीन कर ल। अतं म वेअपने परवार के साथ अपने भाई एसाव के पास गये । उनक इछा यह थी क वेअपनेयेठ भाई के साथ ेम पव ू क रह सक ।