पाठ 13
ईसा द्वारा रोटियों का चमत्कार
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ईसा हर दिन लोगों को शिक्षा दिया करते थे। बीमारों को चंगा किया करते थे। लोग हर समय उनकी बात सुनने के लिए उनके चारों ओर एकत्रित होते रहते थे। एक दिन ईसा और उनके शिष्य ज़रा आराम लेने के लिए एक निर्जन प्रदेश चले गये। लोगों का एक विशाल समूह ईसा की शिक्षा सुनने के लिए मरुभूमि में उनके पीछे हो लिया। ईसा को उनपर तरस आया। ईसा ने उन्हें बहुत सारी बाते सिखाई और उनके बीच जो बीमार थे, उन्हें चंगा कर दिया।
उन्होंने सारा दिन ईसा को सुनने में बिताया। शाम होते समय लोग एकदम थक गये थे। लेकिन वे ईसा के यहाँ से नहीं गये। ईसा ने अपने शिष्यों से उनके लिए भोजन का प्रबन्ध करने को कहा। शिष्यों को बुरा लगा क्योंकि लोग इतनी बड़ी संख्या में उपस्थित थे कि सभी के लिए पर्याप्त भोजन शिष्यों के पास नहीं था। केवल पाँच रोटियाँ और दो मछलियाँ एक बालक के पास थीं। पाँच हजार से अधिक लोग वहाँ एकत्रित थे। शिष्यों की मुसीबतों समझते हुए ईसा ने लोगों को घास के मैदान में बैठने को कहा।
"तब ईसा ने उन पाँच रोटियों और दो मछलियों को लिया, स्वर्ग की ओर आँखें उठाकर उन पर आशिष की प्रार्थना पढ़ी और उन्हें तोड़कर अपने शिष्यों को देते गये ताकि वे लोगों को खिला सकें। सबों ने खाया और खाकर तृप्त हो गये।
(लूकस 9:10-17)
बाकी टुकड़ों को उन्होंने बारह टोकरों में भराया।
ईसा हमारी भी आवश्यकताओं की पूर्ति करते है। ईसा हमें शारीरिक
भोजन देते हैं; वे हमारी आत्मा के लिए भी भोजन प्रदान करते हैं।
पवित्र बलिदान हमारा आत्मिक भोजन है । ईसा की अपनी भाषा में
बलिदान को “कुर्बाना” कहते है। पवित्र बलिदान में हम ईसा को ही
ग्रहण करते हैं ।
ईसा कहते है:
"जीवन की रोटी मैं हूँ।" ( योहन 6:48)
ईसा ईश्वर के पुत्र हैं। हमें जीवन प्रदान करने के लिए उन्होंने पवित्र बलिदान स्थापित किया।
पवित्र परम प्रसाद (कुर्बाना) जीवन की रोटी है।
हम गायेंः
करुणा पूरित नयनों में
दिल में सच्चा प्यार लिये
करुणा सागर प्रभुवर ने
भूखे जनों को रोटी दी।
तवचरणों में कोटि प्रणाम
इतनी शक्ति हमको दे
भूखों को भोज हम भी दें
तेरे मार्ग को अपनायें।
हम प्रार्थना करें
हे ईसा, आपने भूखे लोगों
के लिए रोटी बढ़ाकर उन्हें तृप्त किया;
जरूरतों में हमारी सहायता कीजिये।
घटना क्रम के अनुसार इन टोकरियों को रखिये।
और योग्य बाइबिल वचन को नीचे लिखिये।
इसा ने तोड़ी रोटी ले ली
शिष्यों को दे दी आशीष की प्रार्थना पढ़ी
नीचे दी गई संख्याओं को पहचानिये और लिखिये कि हर
एक संख्या किस घटना से सम्बन्धित है।
5 5000 2 12
परम प्रसाद जीवन की रोटी है |
हम अनुकरण करें
जैसे ईसा ने भूखे लोगों को रोटी देकर तृप्त किया
वैसे हम भी अपनी भलाई
दूसरों की भलाई के लिए बांट दें।