• नजरेत गाँव में मरियम नामक एक कुँवारी रहती थी जिसकी मँगनी

    दाऊद वंश के जोसेफ नामक पुरुष से हुई थी। एक

    दिन एक स्वर्गदूत मरियम के पास आया। उस स्वर्गदूत का नाम गब्रिएल था।

    स्वर्गदूत ने मरियम से कहा ।

     

    " प्रणाम, प्रभु की कृपापात्री! प्रभु आपके साथ हैं।"

    (लूकस 1:28)

     

    इन शब्दों को सुनकर मरियम घबरा गई।

    मरियम को सांत्वना देते हुए स्वर्गदूत ने कहाः

    "हे मरियम, डरिए नहीं, आपको ईश्वर की कृपा प्राप्त है। देखिए आप गर्भवती

    होंगी, पुत्र को प्रसव करेंगी और उनका नाम ईसा रखेंगी। वे महान

    होंगे और सर्वोच्च ईश्वर के पुत्र कहलायेंगे।"

    (लूकस 1:30-32)

     

    स्वर्गदूत के यह कथन सुनने पर मरियम बोल उठीः

    "देखिए, मैं प्रभु की दासी हूँ। आप का कथन मुझमें पुरा हो जाए।” (लूकस 1:38)

    तब स्वर्गदूत उनके सामने से चला गया ।

    आदम और हेवा के साथ प्रेमी पिता ईश्वर ने जो वादा किया था वह आप जानते हैं कि नहीं? ईश्वर ने वचन दिया था कि वह मनुष्य को पापों से मुक्त करने के लिए एक मुक्तिदाता को भेजेगा | उस मुक्तिदाता के आगमन का सन्देश गब्रिएल देवदूत ने मरियम को दिया।

     

    मरियम के बेटा हैं मुक्तिदाता ईसा;

    उनके जन्म के बारे में जो वार्ता है।

    वह है मंगलवार्ता ।

     

    इस मंगलवार्ता को मरियम ने कैसे स्वीकार किया ?

    ईश्वर की इच्छा को ग्रहण करते हुए मरियम बोली, “देखिए मैं प्रभु की दासी हूँ।

    आपका कथन मुझमें पूरा हो जाए।”

     

    मरियम ने ईश्वर की इच्छा को माना।

    इस प्रकार मरियम सभी मनुष्यों के मुक्तिदाता की माँ बन गई।

    देवदूत ने ईश्वर का सन्देश सुनाया।

    मरियम ने वह स्वीकार किया।

    मरियम ईसा की माँ बन गई।

     

    त्रिकाल जपः

     

    “प्रभु के दूत” की प्रार्थना

     

    प्रभु के दूत ने मरियम को सन्देश दिया और वह पवित्र

    आत्मा से गर्भवती हुई। प्रणाम मरिया ...

    देख, मैं प्रभु की दासी हूँ। तेरा कथन मुझ पर पूरा हो। प्रणाम मरिया ...

    और शब्द देह बना और हमारे बीच में रहा। प्रणाम मरिया ...

    हे ईश्वर की पवित्र माँ, हमारे लिए प्रार्थना कर । कि हम मसीह की

    प्रतिज्ञाओं के योग्य बन जाएँ।

     

    हम प्रार्थना करें: हे प्रभु, हमने स्वर्गदूत के सन्देश द्वारा तेरे पुत्र मसीह का देहधारण जान लिया। हमारी प्रार्थना सुन ले, अपनी कृपा हमारी आत्माओं को प्रदान कर, कि हम उसी मसीह के दुःख और क्रूस द्वारा पुनरुत्थान की महिमा तक पहुँच सकें। हमारे प्रभु मसीह के द्वारा, आमेन। (3 त्रित्व स्तुति)

    सुबह, दोपहर और शाम को हम यह प्रार्थना दोहराते हैं। इसे त्रिकाल जप

    कहते हैं। इस प्रार्थना द्वारा ईश्वर ने मनुष्य को जो मगंल सन्देश दिया है।

    उसको हम याद करते हैं।

     

    हम भी मरियम के समान ईश्वर की इच्छा जानें और मानें एवं उसके अनुसार अपना जीवन बितायें।

     

    हम गायें

     

    पूर्व पिताओं को ईश ने

    सदय दिया निज वायदा

    मैं भेजू इक तारणहार

    तुम्हारे वास्ते धरती पर।

    पूर्ति है प्रभु वायदा की

    दाऊद वंशज मरियम ने

    मंगलवार्ता स्वीकार की

    जो है विरासत मुक्ति की।

     

     

    हम प्रार्थना करें

     

     

    हे प्रभु मसीह, मुक्तिदाता, आपका आगमन धन्य है।

    हमें इस योग्य बनायें कि हम देवदूतों के साथ

    आपकी स्तुति कर सकें।

     

    मरियम का कथन पुरा कीजियेः

     

    देख, मैं प्रभु की दासी हूँ।

    जोड़ी बनाइए

    देवदूत देख मैं प्रभु की दासी हूँ ।

    मरियम दाऊद का वंशज

    यूसुफ गब्रिएल

     

    शब्द ढूँढिये :

     

    गोलाकार में दिये हुए अक्षरों को जोड़ कर पढ़िये और नीचे लिखियेः

    मं द ग ब्रि ए ल प ल

    वा चा ल क र ता च ल ता

    हम अनुकरण करें

    जैसे मरियम ने ईश्वर के वचनों को माना

    वैसे हम भी ईश्वर को मानें ।