• प्रारंभ में ईश्वर ने स्वर्ग और पृथ्वी की सृष्टि की | सूर्य ,

    चन्द्रमा, नक्षत्र और  अलग अलग प्रकार के पेड़ पौधों ,

    जीव जंतुओं की भी सृष्टि की |

     

    अंत में ईश्वर ने मनुष्य की सृष्टि की |

    सृष्टि की कहानी अभी हम सुने :

    आदम और हेवा हमारे आदि माता -पिता थे |

     

    ईश्वर ने मनुष्य को अपना प्रतिरूप बनाया |

    उसने नर और नारी के रूप में उनकी सृष्टि की | उत्पत्ति  1 :27

     

    ईश्वर ने मेरे माता-पिता की सृष्टि की।

    उन्होंने मेरे भाई-बहनों और प्यारे दोस्तों की सृष्टि की।

    ईश्वर ने मेरी भी सृष्टि की।

    ईश्वर ने हम सबकी सृष्टि की।

    ईश्वर ने अपने प्रतिरूप में मनुष्य की सृष्टि की।

    ईश्वर का प्रतिरूप क्या है ?

    ईश्वर का प्रतिरूप प्रेम है।

     

    हम गायें

     

    देखो, ईश ने क्या रूप दिया ?

    देखो, नर को क्या रूप दिया ?

    ईश ने अपना पावन रूप दिया।

    प्रेम का अपना रूप दिया।

     

    ईश्वर ने अपने

    प्रतिरूप में

    मनुष्य की सृष्टि की |

     

    रंग भर कर चित्र को आकर्षक बनाइए।

    ईश्वर की सृष्टि कितनी सुन्दर !

     

    हम प्रार्थना करें

     

    आओ, हम हाथ जोड़कर प्रभु की आराधना करें,

    अपने सृष्टिकर्ता के सामने घुटने टेकें।

    (स्तोत्र ग्रन्थ95:6)

     

    हम करें

     

     

    हम अपने दाएँ और बाएँ बैठे मित्रों से हाथ मिलाकर कहें:

    "जय येसु”

    (ईसा मसीह की जय हो। सदा सर्वदा जय हो।)

     

    मेरा फैसला

     

    ईश्वर का पुत्र/पुत्री होने के कारण

    मैं सभी मनुष्यों के साथ प्रेम और

    आदर का व्यवहार करूंगा/करूंगी।