• पिता ईश्वर कितने भले हैं !

     

    ईश्वर ने हमारी सृष्टि की, ईश्वर हमें प्यार करते हैं।

    और अपने पुत्र ईसा को हमें प्रदान किया।

    ईसा हमें स्वर्ग की ओर ले जाते हैं।

     

    ईश्वर स्वर्ग में विराजमान है।

    स्वर्ग में निवास करने का मतलब है ईश्वर के साथ रहना।

    ईश्वर के साथ रहना ही हमारी सबसे बड़ी खुशी है।

    ईसा कहते हैं : “मेरे पिता के यहाँ बहुत से निवास स्थान हैं।”

    (योहन 14:2)

     

    हुम गायें

     

    स्वर्ग हमारा अपना धाम

    दूतों का ही अपना धाम

    स्वर्ग पिता का अपना धाम

    सब का सपना इक ही धाम।

     

    नाम लिखें

     

    संतगण और स्वर्गदूतगण ईश्वर के साथ हमेशा रहते हैं। कुछ ऐसे संतों एवं स्वर्गदूतों के नाम लिखें जिन्हें आप जानते हैं।