पाठ-15
स्वर्ग : ईश्वर का धाम
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पिता ईश्वर कितने भले हैं !
ईश्वर ने हमारी सृष्टि की, ईश्वर हमें प्यार करते हैं।
और अपने पुत्र ईसा को हमें प्रदान किया।
ईसा हमें स्वर्ग की ओर ले जाते हैं।
ईश्वर स्वर्ग में विराजमान है।
स्वर्ग में निवास करने का मतलब है ईश्वर के साथ रहना।
ईश्वर के साथ रहना ही हमारी सबसे बड़ी खुशी है।
ईसा कहते हैं : “मेरे पिता के यहाँ बहुत से निवास स्थान हैं।”
(योहन 14:2)